कानपुर में हिस्ट्रीशीटर को दबोचने गई टीम पर बदमाशों ने बरसाई गोलियां, सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद


यूपी।  घायल पुलिसकर्मियों ने बताया कि बदमाशों ने फायरिंग इस तरह शुरू कर दी थी जैसे कि उन्हें पहले ही पता लग चुका हो। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती है मौके को संभालने की कोशिश करती तब तक 7 पुलिसकर्मी घायल हो चुके थे अर्थात् सात पुलिसकर्मियों को गोली लग चुकी थी, गोली लगने से पुलिस बैकफुट पर आ गई। और पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने के बाद बदमाशों से मौके पर फरार हो गए। 25000 का इनामी विकास दुबे अपने गांव का पूर्व प्रधान वह जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ करीब 53 हत्या के मुकदमे चल रहे हैं। 


वर्ष 2000 में कानपुर में शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे की हत्या में भी विकास दुबे का ही नाम आया था। इसके अलावा वर्ष 2000 में कानपुर के ही शिवली थाना क्षेत्र स्थित रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल में रहकर साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। वर्ष 2004 में केबल व्यवसाई दिनेश दुबे की हत्या क्या रूप में विकास दुबे आरोपित है। 


बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात चौबेदार थाना क्षेत्र के बिक्रू गांव निवासी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने गई थी। बिठूर व चौकीदार पुलिस ने विकास दुबे के घर को चारों तरफ से घेर लिया था। पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ने का प्रयास कर रही थी कि तभी विकास के साथ मौजूद 8 - 10 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी । पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते गोली मेरी जान तथा हाथ पर लग गई। इसके बाद अपराधी मौके से भाग निकले। 


बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी जिसमें शिवराजपुर के एसओ महेश यादव,  सीईओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मीओं की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल है। जिन्हें रेजेंसी में भर्ती कराया गया है।